काफी लम्बे समय तक मुझमें आत्मविश्वास की बहुत कमी थी, यह मेरी ज़िन्दगी में एक बहुत बड़ी कमी थी।
ये सब इसलिए क्योंकि मुझे विश्वास नहीं था कि मैं कर पाऊँगा या नहीं।
इन दिनों मैं अपने आपको दुविधा से मुक्त नहीं कर पा रहा था, फिर भी मैं ईमानदारी से कह सकता हूँ कि इससे पहले मुझे अपने आप पर इतना विश्वास कभी नहीं था। इसका मतलब यह नही कि मैंने यह सोचा कि मैं कभी असफल नहीं होऊँगा या छोड़ दूँगा, ऐसा नहीं है।
इन सबसे मैंने यह सीखा कि सबसे अच्छा है कि कोशिश करो और असफल हो जाओ, बजाए इसके कि कोशिश न करना और अपने Perfect होने तक इंतज़ार करना। ऐसा कभी नहीं होता कि आप किसी से मिलें और वह तत्काल आपको पसंद करने लगे। कुछ रचनात्मक कीजिये और लोगों को उसका आँकलन करने दीजिये।
बार बार असफल हो रहे हो, ठीक से नही कर पा रहे हो, गलतियाँ कर रहे हो, लोग आपसे सहमत नहीं हैं,
आप जो कर रहे हैं उसको पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया जा रहा। यह सब नकारात्मक बातें नहीं है, बल्कि सकारात्मक हैं।
असफलता सकारात्मक कैसे है ? यही एक रास्ता है जिससे हम सीखते हैं; उदाहरण के लिए आप गणित की किताब पढ़ सकते हैं, लेकिन जब तक आप पढ़े हुए को try नहीं करोगे और उसमें असफल नहीं होंगे, आपको पता नहीं चलेगा की आपको कितना समझ आया। सीखने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी चीज़ के बारे में पहले अध्ययन कीजिये, फिर कोशिश कीजिये, करके देखें, गलती करें और उन गलतियों से और ज्यादा सीखें।
गलतियां सकारात्मक कैसे हैं ? ये छोटे-छोटे टुकड़ों में प्रितिक्रियाएं हैं जो हमारे सीखने और आगे बढ़ने के लिए जरुरी हैं।
अगर किसी सकारात्मक कार्य को ठुकराया जा रहा है, तो इसका मतलब मैं पूरी तरह से सामाजिक रूप से स्वीकार्य दायरे से परे कोई काम कर रहा हूँ। इतिहास में अच्छे लोगों को कभी भी स्वीकारा नहीं गया। सच बोलने वाले जैसे : सुकरात, ईसा मसीह, महात्मा गाँधी, Proudhon और Bakunin, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, पशु अधिकारों के तत्वज्ञानी पीटर सिंगर, संयुक्त राष्ट्र के स्कूली शिक्षा अग्रणी जॉन होल्ट, महिला अधिकारों के कार्यकर्ता, उन्मूलनकर्ता इत्यादि।
ये ऐसी चीज़ें हैं जिनसे हम डरते हैं - ये चीज़ें असल में जरुरी भी हैं। हमें इन चीज़ों को सही नज़रिये से देखना सीखना होगा। कामयाबी की तरफ बढ़ने की राह में इन प्रतिक्रियों को गले लगाना होगा न कि इनसे डरकर अपने काम को बीच में छोड़ देना सही है।
कब हम अपने प्रयास से अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, क्या है जिसके लिए ज्यादा अभ्यास की जरूरत है, हम उन चीज़ों को ठीक करने का प्रयास कर सकते हैं, जो हमें आगे बढ़ने से रोकती हैं।
तो इन चीज़ों का अभ्यास जरूर कीजिये :
इन सबसे मैंने यह सीखा कि सबसे अच्छा है कि कोशिश करो और असफल हो जाओ, बजाए इसके कि कोशिश न करना और अपने Perfect होने तक इंतज़ार करना। ऐसा कभी नहीं होता कि आप किसी से मिलें और वह तत्काल आपको पसंद करने लगे। कुछ रचनात्मक कीजिये और लोगों को उसका आँकलन करने दीजिये।
बार बार असफल हो रहे हो, ठीक से नही कर पा रहे हो, गलतियाँ कर रहे हो, लोग आपसे सहमत नहीं हैं,
आप जो कर रहे हैं उसको पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया जा रहा। यह सब नकारात्मक बातें नहीं है, बल्कि सकारात्मक हैं।
असफलता सकारात्मक कैसे है ? यही एक रास्ता है जिससे हम सीखते हैं; उदाहरण के लिए आप गणित की किताब पढ़ सकते हैं, लेकिन जब तक आप पढ़े हुए को try नहीं करोगे और उसमें असफल नहीं होंगे, आपको पता नहीं चलेगा की आपको कितना समझ आया। सीखने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी चीज़ के बारे में पहले अध्ययन कीजिये, फिर कोशिश कीजिये, करके देखें, गलती करें और उन गलतियों से और ज्यादा सीखें।
गलतियां सकारात्मक कैसे हैं ? ये छोटे-छोटे टुकड़ों में प्रितिक्रियाएं हैं जो हमारे सीखने और आगे बढ़ने के लिए जरुरी हैं।
अगर किसी सकारात्मक कार्य को ठुकराया जा रहा है, तो इसका मतलब मैं पूरी तरह से सामाजिक रूप से स्वीकार्य दायरे से परे कोई काम कर रहा हूँ। इतिहास में अच्छे लोगों को कभी भी स्वीकारा नहीं गया। सच बोलने वाले जैसे : सुकरात, ईसा मसीह, महात्मा गाँधी, Proudhon और Bakunin, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, पशु अधिकारों के तत्वज्ञानी पीटर सिंगर, संयुक्त राष्ट्र के स्कूली शिक्षा अग्रणी जॉन होल्ट, महिला अधिकारों के कार्यकर्ता, उन्मूलनकर्ता इत्यादि।
ये ऐसी चीज़ें हैं जिनसे हम डरते हैं - ये चीज़ें असल में जरुरी भी हैं। हमें इन चीज़ों को सही नज़रिये से देखना सीखना होगा। कामयाबी की तरफ बढ़ने की राह में इन प्रतिक्रियों को गले लगाना होगा न कि इनसे डरकर अपने काम को बीच में छोड़ देना सही है।
कब हम अपने प्रयास से अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं, क्या है जिसके लिए ज्यादा अभ्यास की जरूरत है, हम उन चीज़ों को ठीक करने का प्रयास कर सकते हैं, जो हमें आगे बढ़ने से रोकती हैं।
तो इन चीज़ों का अभ्यास जरूर कीजिये :
- बीते समय में हुई गलतियों को भुलाकर, आगे बढ़ने के बारे में सोचें।
- अपने आपको बीते हुए कल से निकाल कर आज के बारे में सोचें, चाहे लोग आपको accept करें या न करें।
- दृढ़ता से आगे बढ़ें, अपने दिमाग में आने वाली उन नकारात्मक बातों की तरफ ध्यान न दें, जो आपको आगे बढ़ने से रोकती हैं।
- और अधिक दृढ़ता से आगे बढ़ें, और अपने ऊपर विश्वास करना सीखें।
- मुश्किल परिस्थितियों में भी सकारात्मक रहना सीखें।
- बार-बार के प्रयास से सीखें, असफल होने पर भी सकारात्मक नजरिया बनाये रखें।
- बार-बार के प्रयोग से सीखें ताकि आप उससे भी अधिक बलवान हों, जितना कि आप सोचते हैं।
इसी प्रयास में आप अपने आपको खोज पाएंगे और आपको एहसास होगा कि इन सभी के बावजूद आप श्रेष्ठ थे। अपने ऊपर विश्वास करना सीखें, जितना हो सके नकारात्मक सोच से बाहर निकलने की कोशिश करें। अगर आप ऐसा कर लेंगे, तो आप वो सब पा लेंगे जिसके बारे में आप सोचते हैं।
यह लेख How to Believe in Yourself से प्रेरणा लेकर लिखा गया है।
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